बैकुंठ में रहके गिरधारी क्या मुरली

बैकुंठ में रहके गिरधारी क्या मुरली

बैकुंठ में रहके गिरधारी,
क्या मुरली बजाना भूल गए,
बैकुंठ में रहके गिरधारी,
क्या मुरली बजाना भूल गए।

गवालों ने तुम्हें पुकारा है,
क्या गैया चराना भूल गए,
बछड़ा भी तुम्हें पुकार रहे,
क्या बंसी बजाना भूल गए।

पहले तुम बालसखाओं के,
संग में गैया चराया करते थे,
अब ऐसा क्या हुआ नंदलाला,
तुम गैया चराना भूल गए।

अर्जुन ने तुम्हें पुकारा है,
क्या तीर चलाना भूल गए,
हर पापी यहां पर हंसता है,
क्या फर्ज निभाना भूल गए।

द्रौपदी ने तुम्हें पुकारा है,
क्या चीर बढ़ाना भूल गए,
अब लाज हमारी जाती है,
क्या लाज बचाना भूल गए।

राणा ने जहर पिलाया है,
मीरा ने तुम्हें पुकारा है,
आ जाओ मेरे गिरधारी,
क्या प्रीत निभाना भूल गए।
 


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