भटकता डोले काहे प्राणी लिरिक्स Bhatakata Dole Kahe Prani
भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकता डोले काहे प्राणी,
चला आ प्रभु की तू शरण में,
संवर जाएगी ये जिंदगानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।
भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकता है क्यों मोह माया में,
ये काया तेरी आनी जानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।
भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकना तेरा भक्ति पथ से,
तुझे प्रभु कृपा की है हानि,
भटकता डोले काहे प्राणी।
भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकने वाले दुख पाते है,
अगर बदले मन में नादानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।
भटकता डोले काहे प्राणी,
करो नित सुमिरन राम का रे,
रहे तेरे जीवन में खुशहाली,
भटकता डोले काहे प्राणी।
भटकता डोले काहे प्राणी,
चला आ शिव की तू शरण में,
संवर जाएगी ये जिंदगानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।
Bhatakta Dole Kahe Prani By Tripti Shaqya [Full Song] I Kabhi Ram Banke Kabhi Shyam Banke
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