चकवी बिछुटी रैणि की आइ मिली परभाति हिंदी मीनिंग Chakavi Bichhuti Raini Ki Meaning

चकवी बिछुटी रैणि की आइ मिली परभाति हिंदी मीनिंग Chakavi Bichhuti Raini Ki Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

चकवी बिछुटी रैणि की, आइ मिली परभाति।
जे जन बिछूटे राम सूँ, ते दिन मिले न राति॥ 

Chakavi Bichhuti Raini Ki, Aai Mili Parbhati,
Je Jan Bichhute Ram Su, Te Din Mile Na Rati.
 
चकवी बिछुटी रैणि की आइ मिली परभाति हिंदी मीनिंग Chakavi Bichhuti Raini Ki Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

विरह में व्याकुल जीवात्मा के विषय में कबीर साहेब कहते हैं की चकवा रात के समय अपनी प्रिय चकवी से जब बिछड़ जाता है सुबह प्रकाश में वह अपनी प्रिय से पुनः मिल पाता है। चकवा एक पक्षी का नाम है। चकवा और चकवी का तो मिलन हो जाता है लेकिन जो व्यक्ति राम से बिछड़ जाते हैं वे पुनः अपने प्रिय (राम) से ना तो दिन में और ना रात में मिल पाते हैं।  रात के समय में अपने प्रिय से बिछुड़ी हुई चकवी (एक प्रकार का पक्षी) प्रातः होने पर अपने प्रिय से मिल गई। किंतु जो लोग राम से विलग हुए हैं, वे न तो दिन में मिल पाते हैं और न रात में। दोहे का भावार्थ:-इस दोहे में कबीर जी ने एक सरल उदाहरण का प्रयोग करके एक गहन आध्यात्मिक सत्य को व्यक्त किया है।
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