चकवी बिछुटी रैणि की आइ मिली परभाति हिंदी मीनिंग Chakavi Bichhuti Raini Ki Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
चकवी बिछुटी रैणि की, आइ मिली परभाति।
जे जन बिछूटे राम सूँ, ते दिन मिले न राति॥
Chakavi Bichhuti Raini Ki, Aai Mili Parbhati,
Je Jan Bichhute Ram Su, Te Din Mile Na Rati.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
विरह में व्याकुल जीवात्मा के विषय में कबीर साहेब कहते हैं की चकवा रात के समय अपनी प्रिय चकवी से जब बिछड़ जाता है सुबह प्रकाश में वह अपनी प्रिय से पुनः मिल पाता है। चकवा एक पक्षी का नाम है। चकवा और चकवी का तो मिलन हो जाता है लेकिन जो व्यक्ति राम से बिछड़ जाते हैं वे पुनः अपने प्रिय (राम) से ना तो दिन में और ना रात में मिल पाते हैं। रात के समय में अपने प्रिय से बिछुड़ी हुई चकवी (एक प्रकार का पक्षी) प्रातः होने पर अपने प्रिय से मिल गई। किंतु जो लोग राम से विलग हुए हैं, वे न तो दिन में मिल पाते हैं और न रात में। दोहे का भावार्थ:-इस दोहे में कबीर जी ने एक सरल उदाहरण का प्रयोग करके एक गहन आध्यात्मिक सत्य को व्यक्त किया है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |