जटा में तेरी गंगा विराजे लिरिक्स

जटा में तेरी गंगा विराजे लिरिक्स Jata Me Teri Ganga

दुखियों के दुख हर लेते हैं,
भस्म लपेटे रहते हैं,
कष्ट उन्हें क्या जो भोले की,
शरण में हर पल रहते हैं।

जटा में तेरी गंगा विराजे,
माथे चंद्र सुहाया,
सावन में जब डमरू बाजे,
तीनों लोक सुहाया,
आया सावन आया,
भोले का सावन आया।

हम हैं दुखारी हम क्या लाए,
बेलपत्र है लाया सावन में,
जब डमरु बाजे,
तीनो लोक में सुहाया,
आया सावन आया,
भोले का सावन आया।

मैया पार्वती है शक्ति,
विघ्न के हरता गणेश,
सेनापति हो मुरुगन,
जैसा फिर कैसा हो क्लेश,
यही सोचकर सुन मेरे दाता,
याद कदर पे आया,
आया सावन आया,
भोले का सावन आया।

छटा अनुपम है भोले की,
कांवरिया है बताते,
लेकिन जब तक तू ना चाहे,
हम तो जा नहीं पाते,
भाग्य देख संयोग का,
बाबा तेरे रंग रंग आया,
आया सावन आया,
भोले का सावन आया।



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