जो शिव भोले की भक्ति में रम जाएगा, हँसते-हँसते, भवसागर तर जाएगा।
शिव भोले औघड़दानी, सुनते हैं सबकी वाणी, इंसान तो क्या देवों ने, इनकी महिमा है बखानी। शरण जो आएगा,
शिव भोले के, पावन दर्शन पाएगा। जो शिवभोले की भक्ति में रम जाएगा, हँसते-हँसते, भवसागर तर जाएगा।
ये नीलकंठ कहलाए, भक्तों की लाज बचाए, अमृत देवों को देकर, विष को खुद ही पी जाए। वो अमृत पाएगा, शिव गुणगान जो, मन से प्राणी गाएगा।
Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
जो शिव भोले की भक्ति में रम जाएगा, हँसते-हँसते, भवसागर तर जाएगा।
शिव तो हैं अंतर्यामी, सारे जग के हैं स्वामी, सब इनके ही गुण गाएं, ज्ञानी हो या अज्ञानी। वरदान पाएगा, सच्चे मन से, शिव वरदान जो मांगेगा। जो शिव भोले की भक्ति में रम जाएगा,
हँसते-हँसते, भवसागर तर जाएगा।
जो शिव भोले की भक्ति में रम जाएगा, हँसते-हँसते, भवसागर तर जाएगा।
Shiv Bhole Ki Bhakti | Lord Shiva Hit Bhajan | जो शिव भोले की भक्ति में रम जाएगा | Sanjay Chauhan
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