तू रानी है मैं संन्यासी तू महलों की मैं वन का वासी भजन लिरिक्स
Saroj Jangir
तू रानी है मैं संन्यासी तू महलों की मैं वन का वासी भजन लिरिक्स
तू रानी है मैं संन्यासी भजन तू रानी है मैं संन्यासी, तू महलों की मैं वन का वासी मेरी गैल लाग के कुछ ना मिले, बस दुख ही दुख तू पावेगी।
तने चमक दमक प्यारी है, मेरी अंधेरों से यारी है,
मान्या कर बोल ज़िद ना करे, तेरी मेरी निभ ना पावेगी, तू रानी है मैं सन्यासी।
मेरा कोई ठिकाना ना, कदे पहाड़ा में कदे श्मशान में, कदे मस्त मलंग होके फिरूं, कदे धूनी रमाके बैठूं ध्यान में।
कड़े कड़े फिरेगी गैल मेरी, तू तंग मेरे ते हो जावेगी, मान्या कर बोल ज़िद ना करे, तेरी मेरी निभ ना पावेगी,
Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
तू रानी है मैं सन्यासी।
धन दौलत और घर बार नई, मेरा चले कोई कारोबार नई, रूखी सूखी मैं खाके गुजारा करूं, तने मिले शाही पकवान नई।
कोसेगी अपनी किस्मत ने, रोवेगी और पछतावेगी, मान्या कर बोल ज़िद ना करे, तेरी मेरी निभ ना पावेगी।
तू रानी है मैं सन्यासी,
तू महलों की मैं वन का वासी, मेरी गैल लाग के कुछ ना मिले, बस दुख ही दुख तू पावेगी, तू रानी है मैं सन्यासी।
यह भजन शिव जी और पार्वती जी के जीवन का वर्णन है। शिव जी कहते है कि उसका जीवन त्याग और सादगी भरा है, वे जंगलों और पहाड़ों में भटकते है, ध्यान में मग्न रहते हैं। उसकी जीवनशैली और साधन सीमित हैं। वे पार्वती जी से कहते हैं कि उनके रास्ते अलग हैं और इस रिश्ते में उन्हें केवल दुख ही मिलेगा। इस भजन में जीवन की सच्चाई और वैराग्य की भावना को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
Tu Rani Me Sanyasi | तू रानी मैं सन्यासी- एक अमर प्रेम कथा | Sanjay Kaushik | Bhole New Song
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