जय हो जय हो तुम्हारी पितर देवता

जय हो जय हो तुम्हारी पितर देवता

जय हो जय हो तुम्हारी पितर देवता,
जय हो जय हो तुम्हारी पितर देवता,
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे,
मेरे ब्रम्हा तुम्ही मेरे विष्णु तुम्ही,
तुम हो शंकर मेरे तेरा साथ रहे।

तेरे चरणों का जो भी है सेवक बना,
अपनी करूणा से उसकी बदल दी दशा,
तेरे चरणों का बनके में सेवक रहूं,
चाहे जैसे मेरे हालात रहे।

जाने कब पूरी होगी ये अर्जी मेरी,
देके दर्शन भरोगे ये झोली मेरी ,
चाहूं करनी तेरी सेवा में उम्र भर,
सदा चरणो का बनके में दास रहूं।

कर दो कृपा थोड़ी में तो नादान हूं,
तेरी पूजा ना जानू में अनजान हूं,
जो भी श्रद्धा से लाया स्वीकार करो,
तुम सिंगला के सर पे तो हाथ धरो।


2023 अमावस्या स्पेशल पितर देव महाराज जी भजन !! जय हो जय हो तुम्हारी पितर देवता !! Dinesh Singla

 
हिंदू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। इसलिए, हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई है। जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु-उपरांत लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो पितरों के साथ संबंधों को बनाए रखने और उन्हें सम्मान देने का एक तरीका है। श्राद्ध के माध्यम से, लोग अपने पूर्वजों की आत्माओं को शांति और खुशी प्रदान करते हैं।
 
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हिंदू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। माता-पिता के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखने के लिए, हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में, वंशज अपने पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करते हैं। श्राद्ध में, पितरों के लिए भोजन, पानी, और अन्य सामग्री का अर्पण किया जाता है। तर्पण में, पितरों के नाम पर जल अर्पित किया जाता है।
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