जौ मानुष ग्रह धर्म युत राखै शील मीनिंग

जौ मानुष ग्रह धर्म युत राखै शील विचार हिंदी मीनिंग

जौ मानुष ग्रह धर्म युत, राखै शील विचार |
गुरुमुख बानी साधु संग, मन वच सेवा सार ||

Jo ManushGrah Dharm Yut, Rakhe Sheel Vichar,
Gurumukh Bani Sadhu Sang, Man Vach SevaSar.
 
जौ मानुष ग्रह धर्म युत राखै शील विचार हिंदी मीनिंग Jo Manush Grah Dharm Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब भक्त को विवेक के साथ हित साधने के लिए कहते हैं की जो मनुष्य गृहस्थ है, धर्म का अनुसरण करता है और शांत और शील विचार को धारण करता है, जो गुरुमुख की वाणी, ज्ञान को धारण करता है साधू की संगत में रहता है। मन वचन से सेवा भाव को रखता है वह अवश्य ही कल्याण को प्राप्त करता है।  कबीर साहेब जी की इस वाणी का अर्थ है कि जो मनुष्य गृहस्थ धर्म का पालन करता है, शील और विचारशील होता है, गुरुमुख वाणियों का विवेक करता है, साधु का संग करता है और मन, वचन, कर्म से सेवा करता है, उसे जीवन में लाभ मिलता है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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