शब्द विचारे पथ चलै ज्ञान गली दे पाँव मीनिंग Shabad Vichare Path Chale Meaning : Kair Ke Dohe Meaning/Bhavarth
शब्द विचारे पथ चलै, ज्ञान गली दे पाँव |
क्या रमता क्या बैठता, क्या ग्रह कांदला छाँव ||
Shabad Vichare Path Chale, Gyan Gali De Panv,
Kya Ramat Kya Baithata, Kya Grah Kandala Chhanv.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब इस दोहे में भक्त और संतजन के बारे में कहते हैं की जो सत्यमार्ग के राह पर चले, ज्ञान की गली में अपना पाँव रखे, ज्ञान की गली से विचरण करे, वह घर , वृक्ष , गुफा में विश्राम करे, उसका क्या कोई हित होता हैं, नहीं। सत्य के राही को शब्द पर विचार, विमर्श करके ही चलना चाहिए और उसे सांसारिक क्रियाओं, जगत के मायाजनित व्यवहार से दूर रहना चाहिए। इस दोहे में कबीरदास जी कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने निर्णय का शब्द पर विचार करता है और ज्ञान मार्ग में कदम रखता है, वह चाहे कहीं भी रहे, उसका कल्याण होता है। "शब्द विचारे पथ चलै" का अर्थ है कि व्यक्ति को अपने निर्णयों को सोच-समझकर लेना चाहिए। उसे अपने शब्दों और कार्यों के परिणामों को समझना चाहिए। "ज्ञान गली दे पाँव" का अर्थ है कि व्यक्ति को ज्ञान मार्ग पर चलना चाहिए। ज्ञान ही उसे सही दिशा दिखा सकता है।