कबीर माया पापणीं हरि सूँ करे हराम मीनिंग कबीर के दोहे

कबीर माया पापणीं हरि सूँ करे हराम मीनिंग Kabir Maya Papani hari Su Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth / Arth.

कबीर माया पापणीं, हरि सूँ करे हराम।
मुखि कड़ियाली कुमति की, कहण न देई राम॥ 

Kabir Maya Papni, Hari Su Kare Haram,
Mukhi Kadiyali Kumati Ki, Kahan Na Deyi Ram.

कबीर माया पापणीं हरि सूँ करे हराम मीनिंग Kabir Maya Papani hari Su Meaning

कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग Kabir Ke Dohe Hindi Meaning


कबीर साहेब दोहे में कहते हैं की की माया पापिनी है जो हरी से व्यक्ति को विमुख कर देती है. भक्ति में बाधा उत्पन्न करती है। माया मुख पर जंजीर की भाँती है जो राम नाम को कहने नहीं देती है। यह जंजीर राम नाम कहने नहीं देती है। आशय है की साधक को हरी की भक्ति के लिए माया का त्याग कर देना चाहिए। माया के विषय में कबीर साहेब के विचार हैं की यह बहुत पापिनी है, यह परमात्मा से व्यक्ति को विमुख कर देती है. यह मुख पर व्यक्ति के कुमति की कुण्डी ( सांकल ) डाल देती है. माया राम का नाम नहीं लेने देती है.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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