कबीर माया पापणीं हरि सूँ करे हराम मीनिंग Kabir Maya Papani hari Su Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth / Arth.
कबीर माया पापणीं, हरि सूँ करे हराम।
मुखि कड़ियाली कुमति की, कहण न देई राम॥
Kabir Maya Papni, Hari Su Kare Haram,
Mukhi Kadiyali Kumati Ki, Kahan Na Deyi Ram.
कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग Kabir Ke Dohe Hindi Meaning
कबीर साहेब दोहे में कहते हैं की की माया पापिनी है जो हरी से व्यक्ति को विमुख कर देती है. भक्ति में बाधा उत्पन्न करती है। माया मुख पर जंजीर की भाँती है जो राम नाम को कहने नहीं देती है। यह जंजीर राम नाम कहने नहीं देती है। आशय है की साधक को हरी की भक्ति के लिए माया का त्याग कर देना चाहिए। माया के विषय में कबीर साहेब के विचार हैं की यह बहुत पापिनी है, यह परमात्मा से व्यक्ति को विमुख कर देती है. यह मुख पर व्यक्ति के कुमति की कुण्डी ( सांकल ) डाल देती है. माया राम का नाम नहीं लेने देती है.