बोली ठोली मस्खरी हँसी खेल हराम हिंदी मीनिंग Boli Tholi Maskhari Meaning : Kabir Ke Dohe / Hindi Arth/Bhavarth
बोली ठोली मस्खरी हँसी खेल हराम |मद माया और इस्तरी, नहि सन्त के काम ||
Boli Tholi Maskhari, Hansi Khel Haram,
Mad Maya Aur Istari, Nahi Sant Ke Kam.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
बिना विचारे हँसी मजाक, बोली ठोली, मसखरी और खेल आदि साधक के लिए हराम हैं। मद (अहम्) माया और स्त्री संतजन के लिए ठीक नहीं हैं उपयोगी नहीं हैं। आशय है साधक को चाहिए की वह गंभीरता से इश्वर के नाम का सुमिरन करे। संत कबीरदास जी के इस दोहे का अर्थ है कि संतों को अपने जीवन से व्यर्थ की बातें करना, दूसरों का मज़ाक उड़ाना, गैर-जरूरी चीजों में समय बर्बाद करना, अहंकार, घमंड, सांसारिक मोह माया और विवाहित पुरुषों के लिए अविवाहित महिलाओं से दूर रहना जैसे कर्मों को त्यागना चाहिए। संतों को अपने आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इन बातों से अपना ध्यान भटकाने से बचना चाहिए।