दही हांडी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को याद करता है। श्रीकृष्ण को दूध, दही और माखन बहुत पसंद था। वह अपने मित्रों के साथ मिलकर अपने पड़ोसियों से घर से माखन चुराते थे। इसी वजह से कृष्ण जी को माखन चोर भी कहा जाता है। श्रीकृष्ण की माखन चोरी की आदत से परेशान होकर गोपियों ने अपने घर की माखन की हांडी को ऊंचाई पर बांधना शुरू कर दिया। लेकिन श्रीकृष्ण ने अपनी टोली बनाकर गोपियों के इस कोशिश को भी नाकाम कर दिया। इसी वजह से दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है।
दही हांडी का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोविंदाओं की टोली दही से भरी मटकी फोड़ते हैं। इस मटकी को काफी ऊंचाई पर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मटकी फोड़ने से घर में दुख दूर होता है और घर में खुशियों का वास होता है।
दही हांडी का पर्व भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन यह महाराष्ट्र में विशेष रूप से लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में, दही हांडी का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
दही हांडी का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोविंदाओं की टोली दही से भरी मटकी फोड़ते हैं। इस मटकी को काफी ऊंचाई पर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मटकी फोड़ने से घर में दुख दूर होता है और घर में खुशियों का वास होता है।
दही हांडी का पर्व भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन यह महाराष्ट्र में विशेष रूप से लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में, दही हांडी का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
कंकरिया से मटकी फोड़ी भजन लिरिक्स Kankariya Se Mataki Fodi Lyrics : Radha Krishna Bhajan
सुन री यशोदा मैया,तेरे नंदलाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
मदन गोपाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी।
नानो कन्हैया तेरो बड़ा उत्पाती,
संग में ग्वाल बाल खुरापाती,
कर दे डगरिया पे,
कर दे डगरिया पे,
कर दे डगरिया पे चलना मोहाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
मदन गोपाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी।
छाछ दही माखन को बेरी,
दाड़ो ढीठ डाटे से ना डरे री,
ऊँचे छीके टांगी,
ऊँचे छीके टांगी,
ऊँचे छीके टांगी बहुत संभाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
मदन गोपाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी।
सुन री यशोदा मईया,
तेरे नंदलाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
मदन गोपाल रे,
कंकरिया से मटकी फोड़ी।