मुझे बांसुरी के कान्हा लिरिक्स

मुझे बांसुरी के कान्हा लिरिक्स

मुझे बांसुरी के कान्हा,
सातों ही सुर तू देदे,
तेरी महिमा दिल से गाउँ,
मुझे ऐसा वर तू देदे।

जी चाहे मैं भी तुझसे,
गीता का सार जानु,
तेरी करुणा मुझपे बरसे,
तेरा ही नाम जापु,
जहाँ है तेरा बसेरा,
मुझे ऐसा घर तू देदे,
मुझे बांसुरी के कान्हा,
सातों ही सुर तू देदे,
तेरी महिमा दिल से गाउँ,
मुझे ऐसा वर तू देदे।

मेरे मुख से हर समय ही,
भी हरि नाम निकले,
तेरे सुर से सुर मिलाऊँ,
तेरा ही नाम निकले,
आजाए तू भी सुन कर,
ऐसा असर तू देदे,
मुझे बांसुरी के कान्हा,
सातों ही सुर तू देदे,
तेरी महिमा दिल से गाउँ,
मुझे ऐसा वर तू देदे।

नाही सूर नाही मीरा,
रसखान भी नहीं मैं,
भक्ति के धन से इतना,
धनवान भी नहीं मैं,
पेहचान तुझे मैं,
ऐसी नज़र तू देदे,
मुझे बांसुरी के कान्हा,
सातों ही सुर तू देदे,
तेरी महिमा दिल से गाउँ,
मुझे ऐसा वर तू देदे।

ओ भगवन तुम्हे कैसे पुकारे,
जो तुम आओ निकट हमारे,
अश्रु बहे हैं भक्ति भाव के,
जब जब जपे नाम तिहारे,
मेरे हृदय में शमन करो तुम,
अपने पास बुला लो कान्हा,
झूठे जग से ना मिला मुझे कुछ,
अब बस चाहूँ प्रेम तुम्हारा।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
 



मुझे बांसुरी के कान्हा | Mujhe bansuri ke kanha | ऐसी प्रार्थना जो रूला दे | Sanatana Sankirtan
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