जिनके नौबति बाजती मैंगल बंधते बारि हिंदी मीनिंग Jinke Nobati Bajati Maingal Meaning

जिनके नौबति बाजती मैंगल बंधते बारि हिंदी मीनिंग Jinke Nobati Bajati Maingal Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

जिनके नौबति बाजती, मैंगल बंधते बारि।
एकै हरि के नाव बिन, गए जनम सब हारि॥

Jinake Nobati Bajati Maingal Bandhte Baari,
Eke Hari Ke Naav Bin, Gaye Janam Sab Hari.
 
जिनके नौबति बाजती मैंगल बंधते बारि हिंदी मीनिंग Jinke Nobati Bajati Maingal Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

सांसारिक मोय माया क्षणिक है, स्थाई नहीं है. यह संसार भी स्थाई नहीं है, एक रोज हमें इसको छोड़कर जाना है. कबीर साहेब इस दोहे के माध्यम से कहते हैं की जो अत्यंत धनी व्यक्ति थे, जिनके द्वार पर नोबत (संगीत वाद्य यंत्र) बजते रहते थे, सवारी के लिए हाथी जिनके बंधे हुए रहते थे ऐसे धनी व्यक्ति भी बिना राम के नाम के सुमिरन के जीवन की बाजी हार गए और काल ने उनको अपना शिकार बना लिया. इस दोहे में कबीर साहेब हमें सांसारिक मोह-माया से बचने का संदेश दे रहे हैं। वे कहते हैं कि जिन लोगों के द्वार पर नौबत बजती थी, और जिनके द्वार पर मस्त हाथी बंधे हुए रहते थे, वे भी अपने जीवन की बाजी हार गए। इसका कारण यह है कि उन्होंने ईश्वर का नाम-स्मरण नहीं किया।

कबीर साहेब कहते हैं कि इस संसार में धन-दौलत, ऐश्वर्य और शक्ति सब कुछ व्यर्थ है। इन चीजों के पीछे भागने से हमें कुछ भी नहीं मिलेगा। जो लोग इन चीजों के पीछे भागते हैं, वे अपने जीवन की वास्तविक उद्देश्य को भूल जाते हैं। वे इस बात को भूल जाते हैं कि हमें इस जीवन में ईश्वर को प्राप्त करना है। कबीर साहेब कहते हैं कि ईश्वर प्राप्ति का एक ही मार्ग है, और वह है ईश्वर का नाम-स्मरण। जो लोग ईश्वर का नाम-स्मरण करते हैं, वे ही इस जीवन में सफल होते हैं। वे ही इस जीवन का सार समझ पाते हैं।
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