पाणी ही तैं पातला धूवां हीं तैं झींण मीनिंग
पाणी ही तैं पातला धूवां हीं तैं झींण मीनिंग
पाणी ही तैं पातला, धूवां हीं तैं झींण।पवनां बेगि उतावला, सो दोस्त कबीरै कीन्ह॥
Pani Hi Te Patala, Dhuva Hi Te Jheen,
Pavana Begi Utavala So Dost Kabire Keenh.
कबीर साहेब पानी से पतले, धुए से भी जीने और पवन से अधिक उतावले, जैसे को अपना दोस्त बना लिया है। आशय है की कबीर साहेब ने सूक्ष्म रूप में परमात्मा को अपना दोस्त बना लिया है.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
