कबीर यहु जग अंधला जैसी अंधी गाइ हिंदी मीनिंग Kabir Yahu Jag Andhla Meaning

कबीर यहु जग अंधला जैसी अंधी गाइ हिंदी मीनिंग Kabir Yahu Jag Andhla Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit

कबीर यहु जग अंधला, जैसी अंधी गाइ।
बछा था सो मरि गया, ऊभी चांम चटाइ॥

Kabir Yahu Jag Andhla, Jaise Andhi Gai,
Bachcha Tha So Mari Gaya, Ubhi Cham Chatayi.

कबीर यहु जग अंधला जैसी अंधी गाइ हिंदी मीनिंग Kabir Yahu Jag Andhla Meaning

कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

कबीर साहेब ने इस दोहे में जगत को अंधी गाय के समान बताया है। जैसे अंधी गाय अपने मरे हुए बछड़े को चाटती रहती है, उसे दिखाई नहीं देता है इसलिए वह यह भी नहीं जान पाती है की उसका बछड़ा मर चूका है, ऐसे ही जगत भी अँधा हो चूका है। उसे यह बोध नहीं है की जगत मित्थ्या है, एक रोज यह समाप्त हो जाना है। वह जीव के जीवन के उद्देश्य को विस्मृत करके माया अर्जित करने और समस्त मायाजनित कार्यों में लगी रहती है।
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