पाणी केरा बुदबुदा इसी हमारी जाति हिंदी मीनिंग Pani Kera Budbuda Meaning

पाणी केरा बुदबुदा इसी हमारी जाति हिंदी मीनिंग Pani Kera Budbuda Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit/Hindi Bhavarth

पाणी केरा बुदबुदा, इसी हमारी जाति।
एक दिनाँ छिप जाँहिगे, तारे ज्यूं परभाति॥

Pani Kera Budbuda Isi Hamari Jati,
Ek Dina Chhip Jahinge, Tare Jyu Parbhati.
 
पाणी केरा बुदबुदा इसी हमारी जाति हिंदी मीनिंग Pani Kera Budbuda Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कबीर साहेब का मानव को सन्देश है की उसका क्या स्थाईत्व है, कुछ भी नहीं, जैसे पाणी का बुलबुला कभी फट कर समाप्त हो जाता है, वैसे ही मनुष्य का जीवन भी कभी भी समाप्त हो सकता है, इसका कोई स्थाई आधार नहीं है। मानव जो इस जगत में एक तरह से मुसाफिर की भाँती ही है। हमारी जाती (प्रकार) इसी प्रकार की है। एक दिन यह नष्ट हो जानी है, जैसे सूर्योदय के समय तारे छिप जाते हैं उसी भाँती ही यह जीवन भी एक रोज समाप्त हो जानी है। 

भावार्थ : कबीर जी कहते हैं कि मानव जाति तो पानी के बुलबुले के समान है। बुलबुला पानी में उत्पन्न होता है और कुछ ही समय में फूट जाता है। इसी तरह, मानव जाति भी इस संसार में उत्पन्न होती है और कुछ ही समय बाद मर जाती है। कबीर जी की यह बात मानव जाति की नश्वरता को दर्शाती है। मानव जाति इस संसार में स्थायी नहीं है। वह एक दिन नष्ट हो जाएगी।
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