लीले पर चढ़ कर के बाँधी हैं पगड़ी छोड़ के खाटू दौड़ पड़ा भक्तों की नगरी टप टप गूँज रही हैं लीले की ये छम छम श्याम धणी का आना होगा तभी मुमकिन सांवरिया आएगा............
हाथों में लेके मोरछड़ी जब लहराएगा श्याम धणी कष्ट मिटेंगे दुखड़े हरेंगे आएगा आराम तभी खुशियों से भर देगा ये ही तेरा दामन पतझड़ से जीवन को कर देगा ये सावन टप टप गूँज रही हैं लीले की ये छम छम श्याम धणी का आना होगा तभी मुमकिन सांवरिया आएगा............
मोरवी नंदन का लाला हैं भक्तों का सरताज यही हारे हुए का साथ निभाता इसका हैं बस काम यही हारे का करता हैं समाधान आकर जीत दिलाता देख तू खाटू में जाकर टप टप गूँज रही हैं लीले की ये छम छम श्याम धणी का आना होगा तभी मुमकिन सांवरिया आएगा............
बाबा आया कीर्तन में सब मिलकर धन्यवाद करो हाथ जोड़ कर मांग लो माफ़ी गलती हो तो माफ़ करो चरणों की सेवा में तुम ही मुझे रखना हार जा सच्चा जीतेगा इस डोरी से बंधना भारती गायेगी भजनो की ये सरगम श्याम धणी का आना होगा तभी मुमकिन सांवरिया आएगा...........