सतगुरु सम कोई नहीं सात दीप नौ खण्ड मीनिंग Satguru Sam Koi Nahi Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Meaning
सतगुरु सम कोई नहीं, सात दीप नौ खण्ड।
तीन लोक न पाइये, अरु इकइस ब्रह्मणड॥
Satguru Sam Koi Nahi, Sat Deev Nou Khand,
Teen Lok Na Paaiye, Aru Ik Is Brahmand.
कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning / Arth
इस दोहे में संत कबीरदास जी गुरु की महिमा का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि सातों द्वीप, नौ खण्ड, तीन लोक और इक्कीस ब्रह्मांड में सद्गुरु के समान हितकारी कोई नहीं है। गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश में लाता है। गुरु ही हमें मुक्ति का मार्ग दिखाता है। सतगुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कबीर कहते हैं की सात द्वीप, तीन लोक, इक्कीस ब्रह्माण्ड में गुरु के समान कोई दूसरा नहीं है।
आशय है की गुरु अमूल्य है और इसके असंख्य लाभ हैं अतः गुरु के सानिध्य में साधक को सदा ही रहना चाहिए।गुरु को सर्वोच्च स्थापित करते हुए कबीर साहेब अनेकों स्थान पर सन्देश देते हैं की भक्ति मार्ग पर सफल होने के लिए गुरु का सानिध्य होना आवश्यक है। व्यक्ति को सदा ही गुरु के सानिध्य में रहना चाहिए।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |