राजा की चोरी करे रहै रंक की ओट हिंदी मीनिंग
राजा की चोरी करे, रहै रंक की ओट।
कहै कबीर क्यों उबरै, काल कठिन की चोट॥
Raja ki Chori Kare, Rahe Rank Ki Out,
Kahe Kabir Kyo Ubare, Kal Kathin Ki Chot.
कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning / Arth
कबीर साहेब इस दोहे के माध्यम से व्यक्ति को काल के महत्त्व को समझाते हुए कहते हैं की यह कैसे हो सकता है की राजा की चोरी करके कोई व्यक्ति निर्धन से बचाव की आशा करे ? राजा अपनी शक्तियों के माध्यम से उसे एक रोज पकड़ ही लेगा। ऐसे ही काल के ग्रास से कोई व्यक्ति माया की शरण में बच नहीं सकता है। देवी देवता भी कल्पित हैं जो काल के प्रभाव से बचा नहीं सकते हैं। आशय है की कबीर साहेब यह समझाते हैं की गुरु के सानिध्य में हरी की भक्ति ही काल के प्रभाव से आपको बचा सकते हैं। कबीर साहेब कहते हैं की कोई व्यक्ति प्रभावशाली राजा के घर पर चोरी करे और रंक (भिखारी ) की ओट में अपना बचाव करना चाहता है तो विचार योग्य बात है की वह कैसे बच पायेगा, उसका बचाव नहीं हो पायेगा. अतः इसका उदाहरण देकर कबीर साहेब कहते हैं की कपोल कल्पित देवताओं की शरण में जाने से क्या बचाव होगा, नहीं होगा. काल से बचाव कैसे होगा ? यदि हम इश्वर के नाम का सुमिरन नहीं करते हैं तो कोई कल्पित देवता हमारी रक्षा नहीं कर सकता है.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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