बड़ा हुआ तो क्या हुआ जोरे बड़ मति नांहि मीनिंग Bada Hua To Kya Hua Meaning

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जोरे बड़ मति नांहि मीनिंग Bada Hua To Kya Hua Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जोरे बड़ मति नांहि,
जैसे फूल उजाड़ को, मिथ्या हो झड़ जांहि.
 
Bada Hua To Kya Hua, Jore Bad Mati Nahi,
Jaise Phool Ujad Ko, Mithya Ho Jhad Jahi.
 
बड़ा हुआ तो क्या हुआ जोरे बड़ मति नांहि मीनिंग Bada Hua To Kya Hua Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

यदि कोई बड़ा है, धन दौलत में, मान सम्मान में लेकिन वह विवेक शील नहीं है तो उसके बड़े होने का क्या फायदा जब वह अन्य किसी के काम नहीं आ सकता है. सांसारिकता में भौतिक संसाधनों को एकत्रित करने वाला व्यक्ति बड़ा कहलाता है लेकिन यदि उसमें मानवीय गुणों का अभाव है तो वास्तव में वह बड़ा नहीं है. कबीरदास जी कहते हैं कि केवल धन, पद और सम्मान से व्यक्ति बड़ा नहीं होता है। उसे अपनी बुद्धि भी होनी चाहिए। जो व्यक्ति बड़ा होकर भी मूर्ख होता है, वह अपने जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर पाता है। कबीरदास जी कहते हैं कि ऐसा व्यक्ति जैसे एक फूल है जो उजाड़ जंगल में खिलता है। वह किसी के काम नहीं आता है और बिना किसी के नज़र में आये झड जाता है, ऐसे फूल के खिलने से किसी को क्या लाभ होने वाला है.
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