(अंतरा) यो तन भी थारो, यो मन भी थारो, यो सारो जीवन थारो, ए दादी, म्हारो सारो जीवन थारो,
म्हारे जीवन की एक तमन्ना, करुं मैं सुमिरण थारो, ए दादी, सदा करुं मैं सुमिरण थारो, कुछ तो दादी मुख से बोलो, रखल्यो म्हारी बात, बणाल्यो म्हाने चाकरियो।।
कोई हुकम सुनाओ, दादी, कुछ तो फरमाओ, म्हारे काळजे ने धीर बंधाओ, ए दादी, म्हारे काळजे ने धीर बंधाओ, हाजिर खड़्यो, थारे चरणा पड़्यो, कोई काम तो आज ओढावो, ए दादी, कोई काम तो आज ओढावो,