गणपति जी महाराज पधारो लिरिक्स Ganpati Ji Maharaj Lyrics
गणपति जी महाराज पधारो,तेरी राह निहारे हैं,
तेरी राह निहारे हैं,
और तेरी ज्योत जलाये हैं,
रिद्धि सिद्धि संग आओ,
तेरी बाट निहारे हैं।
हाथ जोड़ कर तुम्हें मनाऊं,
मोदक का मैं भोग लगाऊं,
आकर भोग लगाओ,
बाबा तेरी राह निहारे हैं।
गाल पुष्पों की माला पहनाएं,
सब मिलकर तेरी आरती गायें,
झूम झूम कर तुम्हें बुलाएँ,
तेरी राह निहारे हैं।
संग में रहकर जब जाओगे,
हम को याद बहुत आओगे,
नरेंद्र तेरी महिमा गायें,
तेरी राह निहारे हैं।
Ganpati Ji Maharaj Padharo | गणपति जी महाराज पधारो | Ganesh Ji New Bhajan | Ganpati Song 2023
इस भजन में गणेश जी के आगमन की प्रतीक्षा की जा रही है। भक्त गणेश जी के लिए रास्ता देख रहे हैं, उनकी ज्योत जलाकर उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं। वे गणेश जी से अपनी बाट निहारने और उनकी कृपा से रिद्धि सिद्धि प्राप्त करने की प्रार्थना कर रहे हैं।
भजन के पहले दो श्लोकों में, भक्त गणेश जी से उनके आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने गणेश जी की राह निहारी है और उनकी ज्योत जलाई है। वे गणेश जी से अपनी बाट निहारने और उनकी कृपा से रिद्धि सिद्धि प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।
तीसरे श्लोक में, भक्त गणेश जी को मनाने के लिए हाथ जोड़ते हैं। वे उन्हें मोदक का भोग लगाने की भी पेशकश करते हैं। वे गणेश जी से आकर भोग लगाने की प्रार्थना करते हैं।
चौथे श्लोक में, भक्त गणेश जी के लिए फूलों की माला पहनते हैं। वे सब मिलकर गणेश जी की आरती गाते हैं। वे गणेश जी को झूम झूम कर बुलाते हैं।
पांचवें श्लोक में, भक्त गणेश जी से कहते हैं कि जब वे उनके साथ रहकर चले जाएंगे तो उन्हें बहुत याद आएंगे। वे गणेश जी की महिमा गाते हैं।
कुल मिलाकर, यह भजन गणेश जी के प्रति भक्तों के प्रेम और श्रद्धा को दर्शाता है। भक्त गणेश जी के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उनकी कृपा से सुख और समृद्धि प्राप्त करने की आशा कर रहे हैं।
भजन के पहले दो श्लोकों में, भक्त गणेश जी से उनके आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने गणेश जी की राह निहारी है और उनकी ज्योत जलाई है। वे गणेश जी से अपनी बाट निहारने और उनकी कृपा से रिद्धि सिद्धि प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।
तीसरे श्लोक में, भक्त गणेश जी को मनाने के लिए हाथ जोड़ते हैं। वे उन्हें मोदक का भोग लगाने की भी पेशकश करते हैं। वे गणेश जी से आकर भोग लगाने की प्रार्थना करते हैं।
चौथे श्लोक में, भक्त गणेश जी के लिए फूलों की माला पहनते हैं। वे सब मिलकर गणेश जी की आरती गाते हैं। वे गणेश जी को झूम झूम कर बुलाते हैं।
पांचवें श्लोक में, भक्त गणेश जी से कहते हैं कि जब वे उनके साथ रहकर चले जाएंगे तो उन्हें बहुत याद आएंगे। वे गणेश जी की महिमा गाते हैं।
कुल मिलाकर, यह भजन गणेश जी के प्रति भक्तों के प्रेम और श्रद्धा को दर्शाता है। भक्त गणेश जी के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उनकी कृपा से सुख और समृद्धि प्राप्त करने की आशा कर रहे हैं।