कबीर मन तो एक है भावै तहाँ लगाव हिंदी मीनिंग
कबीर मन तो एक है भावै तहाँ लगाव हिंदी मीनिंग KabirMan To Ek Hai Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi arth/Bhavarth
कबीर मन तो एक है, भावै तहाँ लगाव |भावै गुरु की भक्ति करू, भावै विषय कमाव ||
Kabir Man To Ek Hai, Bhave Taha Lagav,
Bhave Guru Ki Bhakti Karu, Bhave Vishya Kamav.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
इस दोहे में कबीर दास जी मन की शक्ति और उसके महत्व के बारे में सन्देश देते हैं की हम स्वंय पर नियंत्रण करके अपने मन को कहीं पर भी लगा सकते हैं, अच्छे में या बुरे में, मन तो एक ही है.मन को नियंत्रित करके हम उसे कल्याण के कार्यों में लगा सकते हैं, इश्वर की भक्ति में अपने समय को लगा सकते हैं, वहीँ पर यदि हम अपने मन को नियंत्रित ना करें तो मन को हम विषय विकार और सासारिक क्रियाओं में लगाकर मन को उन्ही कार्यों में भी लगा सकते हैं, मन एक ही है लेकिन विषय है की हम अपने मन को किस प्रकार से नियंत्रित कर पाते हैं.
आपको कबीर साहेब के ये दोहे अर्थ सहित अधिक पसंद आयेंगे -
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
