लाडली अद्भुत नज़ारा तेरे बरसाने में है
लाडली अद्भुत नज़ारा तेरे बरसाने में है
लाडली अद्बुत नज़ारा,तेरे बरसाने में है,
लाडली अब मन हमारा,
तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
झांकीया तेरे महल की,
कर रहे सब देवगण,
आगया बैकुंठ सारा,
तेरे बरसाने में है।
हर लता हर पात में है,
तेरी दया की वो झलक,
हर घड़ी यशोमती दुलारा,
तेरे बरसाना में है।
अब कहाँ जाऊं किशोरी,
तेरे दर को छोड़ कर,
मेरे जीवन का सहारा,
तेरे बरसाने में है।
यूँ तो सारे बृज में ही,
है तेरी लीला का प्रताप,
पर अनोखा ही नज़ारा,
तेरे बरसाने में है।
मैं भला हूँ या बुरा हूँ,
पर तुम्हारा हूँ सदा,
अब तो जीवन का किनारा,
तेरे बरसाने में है।