सज धज के चली है मेरी मां भक्तों की गलियों में लिरिक्स Sajdhaj Ke Chali Hai Lyrics
सज धज के चली है मेरी मां,भक्तों की गलियों में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।
मेरे पैरों से घुघरू हटा दो,
मेरे पैरों में पायल पहना दो,
पायल पहने चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।
मेरे अंगो से साड़ी हटा दो,
मेरे अंगो में लहंगा पहना दो,
चुनरी ओढ़े चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।
मेरे हाथों से कंगना हटा दो,
मेरे हाथों में चूड़ी पहना दो,
चूड़ी पहने चली मेरी मां,
भक्तों की गलियो में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।
मेरे गले से हार हटा दो,
मेरे गले में माला पहना दो,
माला पहने चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।
मेरे कानो से कुंडल हटा दो,
मेरे कानो में झुमके सजा दो,
नथनी पहने चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।
मेरे माथे से मुकुट हटा दो,
मेरे माथे में सिंदूर लगा दो,
बिंदिया लाके चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में,
सज धज के चली है मेरी मां,
भक्तों की गलियों में।