मन को मारूँ पटकि के टूक टूक है जाय हिंदी मीनिंग Man Ko Maru Pataki Ke Meaning

मन को मारूँ पटकि के टूक टूक है जाय हिंदी मीनिंग Man Ko Maru Pataki Ke Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

मन को मारूँ पटकि के, टूक टूक है जाय |
विष कि क्यारी बोय के, लुनता क्यों पछिताय ||

Man Ko Maru Pataki Ke, Tuk Tuk Hai Jay,
Vish Ki Kyari Boy Ke, Lunata Kyo Pachhitaay.

मन को मारूँ पटकि के टूक टूक है जाय हिंदी मीनिंग Man Ko Maru Pataki Ke Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब इस दोहे में विषय विकार के परिणामों के प्रति जीवात्मा को सचेत करना चाहते हैं. कबीर साहेब कहते हैं की विषय विकार रूपी क्यारी जब बोई थी तो अब इसके परिणामों को प्राप्त करने में क्यों असहजता हो रही है, इसके परिणाम तो ऐसे ही होने थे.अतः कबीर साहेब साधक के मन को नियंत्रित करने का सन्देश देते हैं, वे कहते हैं की साधक को चाहिये की मन को पटक पटक कर मार दे, उसके तुकडे तुकडे कर दे. 

यदि जीव को विषय विकारों से दूर रहना है उसे अवश्य ही अपने मन को नियंत्रित करना ही होगा।  इस दोहे में "विष क्यारी" में रूपक अलंकार का उपयोग विशेष है।
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