तेरे दर पर आती रहूंगी मां कर सोलह श्रृंगार लिरिक्स Tere Dar Par Aati Rahungi Lyrics

तेरे दर पर आती रहूंगी मां कर सोलह श्रृंगार लिरिक्स Tere Dar Par Aati Rahungi Lyrics

मैया जी मेरी,
सुन लेना अरदास,
तेरे दर पर आती रहूं,
मैं कर सोलह श्रृंगार.

माथे पर मेरे बिंदिया चमके,
सिंदूर को मां मांग में भरके,
होठों पर मेरे लगी रहे,
मां लाली लालम लाल.

नाक नथुनिया कानों में झुमके,
बाहों में चूड़ी खनखन खनके,
हाथों में मेरे लगी रहे मां,
मेहंदी लालम लाल.

पैरों में पायल सजी रही मां,
बिछुओं से उंगली भरी रहे मां,
एड़ी पर मां लगी रही,
मेरे महावर लालम लाल.

जब तक मैं यह जीवन पाऊं,
सदा सुहागन मैं कहलाऊ,
तन पर सजी रहे मां,
मेरे साड़ी लालम लाल
 


 
यह एक बहुत ही सुंदर भजन है। इस भजन में, भक्त माँ दुर्गा से अपने जीवन में सफलता और सुख समृद्धि की कामना करती है। वह माँ से प्रार्थना करती है कि वह हमेशा सुंदर और सुहागन बनी रहे।
भजन के कुछ प्रमुख अंशों का अर्थ निम्नलिखित है:
 "मैया जी मेरी, सुन लेना अरदास, तेरे दर पर आती रहूं, मैं कर सोलह श्रृंगार." - इस पंक्ति में, भक्त माँ दुर्गा से प्रार्थना करती है कि वह उसकी अरदास सुनें और उसे अपने दर पर आने का अवसर दें। वह कहती है कि वह हमेशा सोलह श्रृंगार करके माँ के दर पर आएगी।
 "माथे पर मेरे बिंदिया चमके, सिंदूर को मां मांग में भरके, होठों पर मेरे लगी रहे, मां लाली लालम लाल." - इस पंक्ति में, भक्त माँ से प्रार्थना करती है कि वह उसके माथे पर बिंदिया चमका दे और उसके मांग में सिंदूर भर दे। वह कहती है कि उसके होठों पर हमेशा लाली लगी रहे।
 "नाक नथुनिया कानों में झुमके, बाहों में चूड़ी खनखन खनके, हाथों में मेरे लगी रहे मां, मेहंदी लालम लाल." - इस पंक्ति में, भक्त माँ से प्रार्थना करती है कि वह उसके नाक में नथुनिया, कानों में झुमके और बाहों में चूड़ियां पहना दे। वह कहती है कि उसके हाथों में हमेशा मेहंदी लगी रहे।
 "पैरों में पायल सजी रही मां, बिछुओं से उंगली भरी रही मां, एड़ी पर मां लगी रही, मेरे महावर लालम लाल." - इस पंक्ति में, भक्त माँ से प्रार्थना करती है कि वह उसके पैरों में पायल पहना दे और उसकी उंगलियों में बिछुए पहना दे। वह कहती है कि उसकी एड़ी पर हमेशा महावर लगी रहे।
 "जब तक मैं यह जीवन पाऊं, सदा सुहागन मैं कहलाऊ, तन पर सजी रहे मां, मेरे साड़ी लालम लाल।" - इस पंक्ति में, भक्त माँ से प्रार्थना करती है कि वह उसे हमेशा सुहागन बना दे। वह कहती है कि उसके तन पर हमेशा लाल साड़ी सजी रहे।
यह भजन एक बहुत ही भावपूर्ण भजन है। यह भजन हमें माँ दुर्गा की भक्ति और सौंदर्य की याद दिलाता है।

इस मधुर और लोकप्रिय भजन से सबंधित अन्य मिलते जुलते अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें.
 
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