शैलपुत्री माता (Shailputri Mata) नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं। उनका नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: शैल (पर्वत) और पुत्री (बेटी)। इसलिए, शैलपुत्री का अर्थ है "पर्वत की बेटी"। शैलपुत्री माता को हिमाचल राजा की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी माना जाता है। वे ज्ञान, शक्ति और समृद्धि की देवी हैं। उनका वाहन नंदी बैल है और उनका हाथ त्रिशूल और कमल से सुशोभित है।
शैलपुत्री माता की पूजा करने से भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि, ज्ञान, शक्ति और वैभव प्राप्त होता है। वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करती हैं। शैलपुत्री माता की पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। उन्हें लाल रंग के फूल, फल, मिठाई और नारियल अर्पित किए जाते हैं। भक्त मां शैलपुत्री की आरती भी गाते हैं। शैलपुत्री माता की पूजा करने से भक्तों को जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। वे अपने भक्तों को सभी प्रकार की सफलताएं भी प्रदान करती हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को आदिशक्ति के रूप में पूजा जाता है। वे सृष्टि की रचना करने वाली देवी हैं। हिमालय को संकेत भाषा में शैल कहा जाता है ऐसे में हिमालय राज की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। मां शैलपुत्री को वृषोरूढ़ा, सती, हेमवती, उमा के नाम से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री की कृपा से व्यक्ति में तपस्या का गुण उत्पन्न होता है। शैलपुत्री माता की जय!
शैलपुत्री माता आरती लिरिक्स Shailputri Mata Aarti
जय शैलपुत्री माता, रूप अलौकिक पावन, शुभ फल की दाता, जय शैलपुत्री माता।
हाथ त्रिशूल कमल दल, मैया के साजे, शीश मुकुट शोभामयी, मैया के राजे, जय शैलपुत्री माता।
दक्ष राजा की कन्या, शिव अर्धागिनी तुम, तुम ही हो सती माता,
पाप विनाशिनी तुम, जय शैलपुत्री माता।
वृषभ सवारी माँ की, सुन्दर अति पावन, सौभाग्यशाली बनता, जो कर ले दर्शन, जय शैलपुत्री माता।
आदि अनादि अनामय, माँ तुम अविनाशी, अटल अनंत अगोचर, अज आनंद राशि, जय शैलपुत्री माता।
नव दुर्गाओं में मैया, प्रथम तेरा स्थान, रिद्धि सिद्धि पा जाता, जो धरता तेरा ध्यान,
Durga Mata Bhajan Lyrics Hindi,Navratra Navratri Mata Bhajan Lyrics
जय शैलपुत्री माता।
प्रथम नवरात्रे जो, माँ व्रत तेरा धारे, कर दे कृपा उस जन पे, तू मैया तारे, जय शैलपुत्री माता।
मूलाधार निवासिनी, हम पे कृपा करना, लाल तुम्हारे ही हम, दृष्टि दया रखना, जय शैलपुत्री माता।
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं अतिप्रिय हैं। इसलिए, उन्हें सफेद फूल, सफेद वस्त्र, और दूध से बनी मिठाइयां अर्पित करना चाहिए। मां शैलपुत्री को लगाने वाले कुछ प्रमुख भोग निम्नलिखित हैं:
हिंदू धर्म में मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। इसलिए, कुंवारी कन्याओं को मां शैलपुत्री को सफेद मिठाइयों और दूध से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए।
मां शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों को मां की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां शैलपुत्री की पूजा में सफेद रंग का विशेष महत्व है। इसलिए, भक्तों को इस दिन सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए और मां को सफेद रंग की मिठाई या भोग लगाना चाहिए। मां शैलपुत्री की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
मां शैलपुत्री की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है।
भक्तों को सुख, समृद्धि, और मोक्ष प्राप्त होता है।
भक्तों को बुद्धि, ज्ञान, और विद्या प्राप्त होती है।
भक्तों के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
भक्तों को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
मां शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन करने से भक्तों को पूरे नौ दिनों तक मां की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्र का पहला दिन - माँ शैलपुत्री की आरती - English & Hindi Subtitles - Jai Shailputri Mata