माँ ज्वाला से आई माँ की ज्योत भजन
माँ ज्वाला से आई माँ की ज्योत भजन
(मुखड़ा)
माँ ज्वाला से आई माँ की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे,
प्यारी लगे, जग से न्यारी लगे,
सुंदर लगे, बड़ी प्यारी लगे,
भक्त लाए, मैया की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे।।
(अंतरा)
ज्योति का प्रकाश निराला,
जग को रोशन करने वाला,
अंधकार मिटाए, माँ की ज्योत,
ज्योत कल्याणी लगे।।
पानी में है जलती ज्वाला,
माँ का है चमत्कार निराला,
बिना तेल-बाती जले, माँ की ज्योत,
ज्योत नूरानी लगे।।
अकबर भी अभिमानी आया,
ज्योत बुझाने छत्र भी लाया,
छत्र फाड़ के निकली, माँ की ज्योत,
ज्योत बड़ी शान से जगे।।
‘श्याम’ जो माँ के दर पर आए,
अपनी भावना जो मन में लाए,
सब की सुनती है, माँ की ज्योत,
ज्योत वरदानी लगे।।
(पुनरावृत्ति)
माँ ज्वाला से आई माँ की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे,
प्यारी लगे, जग से न्यारी लगे,
सुंदर लगे, बड़ी प्यारी लगे,
भक्त लाए, मैया की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे।।
माँ ज्वाला से आई माँ की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे,
प्यारी लगे, जग से न्यारी लगे,
सुंदर लगे, बड़ी प्यारी लगे,
भक्त लाए, मैया की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे।।
(अंतरा)
ज्योति का प्रकाश निराला,
जग को रोशन करने वाला,
अंधकार मिटाए, माँ की ज्योत,
ज्योत कल्याणी लगे।।
पानी में है जलती ज्वाला,
माँ का है चमत्कार निराला,
बिना तेल-बाती जले, माँ की ज्योत,
ज्योत नूरानी लगे।।
अकबर भी अभिमानी आया,
ज्योत बुझाने छत्र भी लाया,
छत्र फाड़ के निकली, माँ की ज्योत,
ज्योत बड़ी शान से जगे।।
‘श्याम’ जो माँ के दर पर आए,
अपनी भावना जो मन में लाए,
सब की सुनती है, माँ की ज्योत,
ज्योत वरदानी लगे।।
(पुनरावृत्ति)
माँ ज्वाला से आई माँ की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे,
प्यारी लगे, जग से न्यारी लगे,
सुंदर लगे, बड़ी प्यारी लगे,
भक्त लाए, मैया की ज्योत,
ज्योत बड़ी प्यारी लगे।।
शारदीय नवरात्रों 2022की नई भेंट MAA JWALA SE AAI MAA KI JYOTE स्वर लेख GHANSHYAM MIDHA भिवानी।
शारदीय नवरात्रि सितंबर 2022 के उत्सव के लिए श्री दुर्गा मंदिर दुर्गा कॉलोनी भिवानी मैं भक्तों द्वारा ज्वालाजी से मां की पावन ज्योति लाने के उपलक्ष में दास द्वारा मैया की कृपा से कुछ शब्द समायोजित कर यह भेंट लिखकर मां की चरणों में सादर प्रस्तुत कर रहा। इसका सभी भक्तों आनंद प्राप्त करें अपना आशीर्वचन भी लिखने की कृपाकरना।माँ की ज्योत अपने प्रकाश से संसार को रोशन करती है, अंधकार मिटाती है और भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करती है। पानी में जलती ज्वाला माँ के चमत्कार को दर्शाती है। अकबर भी इस ज्योत को बुझाने आया था, लेकिन माँ की शक्ति के आगे उसका प्रयास विफल रहा। माँ की कृपा से भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनका जीवन धन्य हो जाता है।