शाकम्भरी माता आरती लिरिक्स Shakambhari Mata Aarti Lyrics


Naye Bhajano Ke Lyrics

शाकम्भरी माता आरती लिरिक्स Shakambhari Mata Aarti Lyrics

जय जय शाकम्भरी माता,
ब्रह्मा विष्णु शिव दाता,
हम सब उतारे तेरी आरती,
री मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

संकट मोचनी जय शाकम्भरी,
तेरा नाम सुना है,
री मैया राजा ऋषियों पर जाता,
मेधा ऋषि भजे सुमाता,
हम सब उतारे तेरी आरती।

मांग सिंदूर विराजत मैया,
टीका खूब सजे है,
सुंदर रूप भवन में लागे,
घंटा खूब बजे है,
री मैया जहां भूमंडल जाता,
जय जय शाकम्भरी माता,
हम सब उतारे तेरी आरती।

क्रोधित होकर चली मात,
जब शुंभ निशुंभ को मारा,
महिषासुर की बांह पकड़ कर,
धरती पर दे मारा,
री मैया मारकंडे विजय बताता,
पुष्पा ब्रह्मा बरसाता,
हम सब उतारे तेरी आरती।

चौसठ योगिनी मंगल गावें,
भैरव नाच दिखावे,
भीमा भ्रामरी और शताक्षी,
तांडव नाच सिखावें,
री मैया रत्नों का हार मंगाता,
दुर्गे तेरी भेंट चढ़ाता,
हम सब उतारे तेरी आरती।

कोई भक्त कहे ब्रह्माणी,
कोई कहे रुद्राणी,
तीन लोक से सुना री मैया,
कहते कमला रानी,
री मैया दुर्गे में आज मानता,
तेरा ही पुत्र कहाता,
हम सब उतारे तेरी आरती।

सुंदर चोले भक्त पहनावे,
गले मे सोरण माला,
शाकंभरी कोई दुर्गे कहता,
कोई कहता ज्वाला,
री मैया मां से बच्चे का नाता,
ना ही कपूत निभाता,
हम सब उतारे तेरी आरती।

पांच कोस की खोल तुम्हारी,
शिवालिक की घाटी,
बसी सहारनपुर मे मैया,
धन्य कर दी माटी,
री मैया जंगल मे मंगल करती,
सबके भंडारे भरती,
हम सब उतारे तेरी आरती।

शाकंभरी मैया की आरती,
जो भी प्रेम से गावें,
सुख संतति मिलती उसको,
नाना फल भी पावे,
री मैया जो जो तेरी सेवा करता,
लक्ष्मी से पूरा भरता,
हम सब उतारे तेरी आरती।
 



SHAKAMBARI MATA AARTI! OM JAY AMBE GAURI! PANKAJ JOSHI! शाकम्भरी माता आरती! SADHNA SHAKAMBHARISAKRAI

+

एक टिप्पणी भेजें