अमर आत्मा सच्चिदानद मैं हूं
अमर आत्मा,
सच्चिदानद मैं हूं,
शिवोहम शिवोहम,
शिवोहम शिवोहम।
अखिल विश्व का,
जो परमात्मा है,
सभी प्राणियों का,
वो ही आत्मा है,
वही आत्मा,
सचिदानंद मैं हूँ,
शिवोहम शिवोहम,
शिवोहम शिवोहम।
जिसे शस्त्र ना काटे,
ना अग्नि जलावे,
गलावे ना पानी,
ना मृत्यु मिटावे,
वही आत्मा,
सचिदानंद मैं हूँ,
शिवोहम शिवोहम,
शिवोहम शिवोहम।
अजर और अमर,
जिसको वेदों ने गाया,
यही ज्ञान अर्जुन को,
हरि ने सुनाया,
वही आत्मा,
सचिदानंद मैं हूँ,
शिवोहम शिवोहम,
शिवोहम शिवोहम।
अमर आत्मा है,
मरणशील काया,
सभी प्राणियों के,
भीतर जो समाया,
वही आत्मा,
सचिदानंद मैं हूँ,
शिवोहं शिवोहं,
शिवोहं शिवोहं।
है तारों सितारों में,
प्रकाश जिसका,
जो चाँद और सूरज में,
आभास जिसका,
वही आत्मा,
सचिदानंद मैं हूँ,
शिवोहम शिवोहम,
शिवोहम शिवोहम।
जो व्यापक है,
जन जन में,
है वास जिसका,
नहीं तीन कालों में,
हो नाश जिसका,
वही आत्मा,
सचिदानंद मैं हूँ,
शिवोहम शिवोहम,
शिवोहम शिवोहम।
"Shivoham: Amar Atma Sacchidananda Main Hoon" sung by Bindu Bhansali