बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल लिरिक्स Bol Hari Hari Hari Boly Lyrics

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बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल,
केशव माधव गोविन्द बोल,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल,
केशव माधव गोविन्द बोल।

गौतम नार उद्धार कियो प्रभु,
आगे चल बढ़ के रघुराई,
घाट के तीर खड़े दोऊ बान्धव,
ऊंच किये कर टेर लगाई,
घट घट वासी अन्तर्यामी,
जान गये मन गयो डराई,
बारम्बार श्री राम कहे,
तू नाव ला केवट नाव ला भाई,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

गौतम नार ज्यूं नाव उड़े प्रभु,
भूखे मरे परिवार लुगाई,
हूं धनहीन गरीब घणो,
मोसे दूसरी नाव ना जाय बनाई,
चरण कमल निहार कहूं नाथ,
मोसे दूसरी नाव ना जाय बनाई,
बारम्बार मलाह कहैे,
या दूसरी नाव ना जाय बनाई,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

नर तन धार सुकर्म कियो मम,
बोल्या ना झूठ ना किन्ही ठगाई,
प्राण जाय पर वचन ना जाई,
रघुकुल रीत सदा चली आयी,
ना तेरी नाव उड़े नभ को,
तू लावत ना मन नेक सच्चाई,
बारम्बार दयालु कहे,
तू नाव ला केवट नाव ला भाई,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

नाव उड़ी ना जो नार भई तो,
दो स्त्रीयन में होसी लड़ाई,
कूद पड़ूं गहरे जल में,
कटिलौं पानी में हाथ बताई,
लक्ष्मण रोष भये भय ठाई,
दीठ मल्लाह करे निठुराई,
दीन सो जान के हाथ उठे ना,
मार के गंगा में देत बुहाई,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

गणिका गीध अजामिल से,
खल पार कियो प्रभु सजन कसाई,
पापी नेक लिखी नहीं गणिका,
नाम लियो निज लगन लगाई,
पार उतार कछु बार नहीं नाथ,
जो मैं लेऊं चरण धुलाई,
बारम्बार मलाह कहे या,
दूसरी नाव न जाय बनाई ,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

राम हंसे मन मुदित भयै,
दीन्हों निज शीस पे हाथ फिराई,
भय को त्याग अभय मन बनज्या,
कहो मलाह कौन ठगाई,
पग धो चाहे कर धो चाहै,
गंग की धार में लेवो नुव्हाई,
बारम्बार श्री राम कहे तू,
नाव ला केवट नाव ला भाई ,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

काठ कठौ में पानी भरो,
बांकी भामनी है संग में चली आई,
धोकर चरण प्राण में बा,
फूली ना जाय अंग में समाई,
धन धन आज पति मेरे केवट,
घर चल के आये रघुराई,
बारम्बार मलाह कहे नाथ,
दूसरी नाव ना जाय बनाई,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।

जात से जात ना लेत मजूरी,
यही रीति सनातन से चली आई,
धोबी की धोबी से नाही धुलाई,
तो नाइ की नाइ से नाही मुंडाई,
तुम केवट भाव सागर के प्रभु,
मैं केवट छोटी सरताई,
आये घाट दयालु हमारे,
मैंने दिए हैं पार लगाई,
जो किन घाट तुम्हारे पे आऊं,
मो संग करियो ना निठुराई,
बारम्बार मलाह कहे नाथ,
ना चाहे मुझको उतराई,
बोल हरि बोल हरि हरि हरि बोल।
 

 


Kevat Prasang bhajan | Bol Hari Bol Hari Hari Hari Bol Keshav Madhav Govind Bol by Ratinathji

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