ऐसी है माँ पालनहारा,
जिसने मेरा जीवन संवारा,
जब जब भी मैंने,
उसे पुकारा,
उसे आना पड़ा है,
देने को सहारा।
मैया के दरबार में,
देता दामन पसार,
पल भर में भरती है माँ,
भगतों के भण्डार,
भरती है झोली,
भक्तों की खाली,
माँ ने सबको दिया है,
सुख सारा,
उसे आना पड़ा है,
देने को सहारा।
मैया सी देखी नहीं,
हमने कोई सरकार,
यहाँ अर्ज़ी लगाते ही,
होते हैं चमत्कार,
दे देती हैं सबकुछ उसको,
लुटाके प्यार ये सारा,
उसे आना पड़ा है,
देने को सहारा।
पिंकू कहता है सदा,
मैया से दिन रात,
खाली कोई जाए नहीं,
करे खुशियों की बरसात,
माँ की पूजा जो करता है,
उसका चमका सितारा,
उसे आना पड़ा है,
देने को सहारा।