संसार है एक सपना,
यहाँ कुछ भी नहीं अपना,
एक नाम ही साथी है,
तू उसको सदा जपना।
संसार है एक सपना,
सब झूठी कहानी है,
दिल इसमें फंसाने से,
होती बड़ी हानी है,
संसार है एक सपना।
ए प्राणी भूल के भी,
इस जगत में ना फंसना,
एक नाम ही साथी है,
तू उसको सदा जपना,
संसार है एक सपना।
सतगुरु की भक्ति बिना,
ना वस्तु को तुम खोना,
है मिलता वही आगे,
अब जो है यहाँ बोना,
संसार है एक सपना।
कर्मो पे नज़र अपनी,
प्राणी तू सदा रखना,
एक नाम ही साथी है,
तू उसको सदा जपना,
संसार है एक सपना।
भव तरने की युक्ति,
बस नाम आराधन है,
गुरु की भक्ति बिना,
कोई और ना साधन है,
संसार है एक सपना।
ऐ दास रिझा गुरु को,
ले जन्म सवार अपना,
एक नाम ही साथी है,
तू उसको सदा जपना,
संसार है एक सपना।