सांवरे तुझे झुलाएं प्रेम से डोर

सांवरे तुझे झुलाएं प्रेम से डोर

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  मन के झूले में बिठाकर,
बाँधी भाव की डोर,
सांवरे तुझे झुलाये,
प्रेम से डोर हिलाये।

हमने बनाया अपने,
ह्रदय को आसन,
आन विराजो बाबा,
इतना निवेदन,
मन बगिया को आज खिला दो,
आ जाओ चित्त चोर,
सांवरे तुझे झुलाये,
प्रेम से डोर हिलाये।

झूला झूलाना तो है,
बस एक बहाना,
मकसद हमारा मन के,
भाव दिखाना,
भाव बिना काहे का झूला,
कैसी रेशम डोर,
सांवरे तुझे झुलाये,
प्रेम से डोर हिलाये।

जिसने बनाया अपने,
मन को हिंडोला,
उसमें ही झूले मेरा,
सांवरा सलौना,
हर्ष कहे फिर छमछम नाँचे,
उसके मन का मोर,
सांवरे तुझे झुलाये,
प्रेम से डोर हिलाये।

मन के झूले में बिठाकर,
बांधी भाव की डोर,
सांवरे तुझे झुलाये,
प्रेम से डोर हिलाये।
 

 


Sanware Tujhe Jhulaye || Varsha Garg || सांवरे तुझे झुलाये प्रेम से डोर हिलाये || Shyam Baba Bhajan

"Man ke jhoole mein bithakar,
Baandhi bhaav ki dor,
Saanware tujhe jhulaye,
Prem se dor hilaye.


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