वर दे वीणावादिनि वर दे लिरिक्स

वर दे वीणावादिनि वर दे

वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे ॥

काट अंध-उर के बंधन-स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे ॥

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव,
नव नभ के नव विहग-वृंद को,
नव पर, नव स्वर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे ॥
 

 

वर दे वीणावादिनी वर दे ।। सरस्वती वंदना।। Var De Veena Vadini Var De

Var de, veena vadini var de,
Priya swatantra-rav amrit-mantra nav,
Bharat mein bhar de.

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