आओ मेरी सखियों मुझे मेहंदी लगादो
आओ मेरी सखियों,
मुझे मेहंदी लगा दो,
मेहंदी लगा दो,
मुझे सुन्दर सजा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की,
दुल्हन बना दो।
सत्संग मे मेरी बात चलायी,
सतगुरु ने मेरी किनी सगाई,
उनको बुलाके हथलेवा तो करादो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बनादो।
ऐसी ओढ़ूं चुनरी जो रंग नहीं छूटे,
ऐसा वरुं दूल्हा जो कबहू ना छूटे,
अटल सुहाग वाली बिंदिया लगादो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बनादो।
ऐसी पहनूं चूड़ी जो कबहु ना टूटे,
प्रेम प्रीती धागा कबहु ना छूटे,
आज मेरी मोतियों से मांग तो भरादो,
सूंदर सजा दो मुझे मेहंदी तो लगादो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो।
भक्ति का सुरमा मैं आख में लगाऊंगी,
दुनिया से नाता तोड़ मैं उनकी हो जाऊंगी,
सतगुरु को बुला के फेरे तो पड़वा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो।
बाँध के घुंघरू मैं उनको रीझुंगी,
ले के इक तारा मैं श्याम श्याम गाऊँगी,
सतगुरु को बुला के विदा तो करादो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बनादो।
आओ मेरी सखियों मुझे मेहंदी लगा दो | Aao Meri Sakhiyon Mujhe Mehendi Laga Do | Radha Rani Bhajan