फुर्सत मिले जो मैया कभी मेरे घर भी आना
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना,
आकर के घर में मैया,
वापस कभी ना जाना,
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना।।
ना है मेवे, बर्फी मैया,
ना ही मखमली बिछौना,
जैसा भी रूखा-सूखा,
संग मेरे भोग लगाना,
पीड़ा जो भी हो तुमको,
मैया, तू उसे बिसराना,
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना।।
संग-संग जब हम रहेंगे,
फिर खूब होंगी बातें,
माँ, संग जो तुम रहोगी,
कट जाएंगी काली रातें,
छट जाएंगे ग़म के बादल,
देखेगा फिर ज़माना,
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना।।
सुबह-शाम दोनों वक्त माँ,
सेवा करूं तुम्हारी,
जन्मों-जनम मैं तेरा,
बनके रहूं पुजारी,
'संजय' को शरण रख लो,
ना करना माँ बहाना,
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना।।
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना,
आकर के घर में मैया,
वापस कभी ना जाना,
फुर्सत मिले जो मैया,
कभी मेरे घर भी आना।।
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