बड़े भाग से मिली मुझे ठाकुर की यह गली
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की यह गली,
होगा क्या जब मिलेंगें वह,
दिल में है खलबली,
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की यह गली।
उसको निहार लू तो,
मेरी आंखें धन्य हो,
हंस के गले लगा ले मुझे,
जीना धन्य हो,
होगी वही बिराजती,
वृषभानु की लली,
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की यह गली।
अंदाज कैसा होगा,
बड़ा सोच मगन हूं,
मिलना तो हो रहा है मेरा,
मैं प्रसन्न हूं,
लहरी सभी वह जानता,
बातें जो बन चली,
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की यह गली।
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की यह गली,
होगा क्या जब मिलेंगें,
वह दिल में है खलबली,
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की यह गली।
Uma Lahari || बड़े भाग्य से मिली मुझे ठाकुर की ये गली || Bade Bhagya Se Mili Mujhe Thakur Ki Ye Gali