प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा

प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा

प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा

प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा,
जहाँ भेजा जो करने को किया ना सोचता होगा।

मुसाफिर बन चला जब जीव हरि का धाम तजकरके,
भ्रमण कर आऊंगा वापस प्रभु का नाम भजकरके,
जन्म नर का लिया रोया कहाँ क्या क्या ही अब होगा,
प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा।

स्वयं के स्वाद के कारण जीव को मारकर खाया,
पकड़ मदिरा के प्याले को बहन बेटी को तड़पाया,
पाप जो भी किए तुमने प्रभु भी लिख रहा होगा,
प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा।

कहीं हिंसा कहीं नफरत कहीं कर ली लड़ाई को,
छीन सुखचैन सज्जन के दया कब है कसाई को,
देर तो है नहीं अंधेर अंत में तड़पना होगा,
प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा।

पाप के भार से दबकर तड़पकर मर गया पापी,
भयानक यातना यम की भोगता है वह संतापी,
उठेगी कान्त जब अर्थी जमाना थूकता होगा,
प्रभु भी पाप करनी को तेरे जब देखता होगा।



Bhajan When even God sees you committing sins | Composed by Shri Shrikant Das Ji Maharaj | Voice:...

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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