जब श्यामधणी का आया बुलावा लिरिक्स
क्या लेना मुझे दिल्ली मुंबई,
गोवा के बाजार से,
जब श्यामधणी का आया बुलावा,
खाटू के दरबार से।
जब जब छुट्टियां आती हैं,
ये मन हिचकोले खाता है,
कोई जाए कुल्लू मनाली,
किसी को शिमला भाता है,
पर जाऊंगा मैं श्याम की नगरी,
ठान लिया इस बार ये,
श्यामधणी का आया बुलावा,
खाटू के दरबार से।
नहीं रुकूंगा किसी के रोके,
सभी ये सुनलो विचार मेरा,
मैं जाऊं मेरे बच्चे जाएं,
जायेगा परिवार मेरा,
सीना ठोक मैं सबको बताऊं,
बात बड़ी दमदार ये,
श्यामधणी का आया बुलावा,
खाटू के दरबार से।
जिसके दर्शन से मिट जाए,
जीवन से अंधियारा है,
बच्चा बच्चा कहता है,
हारे का श्याम सहारा है,
देव बड़ा ना कोई दूजा,
कलयुग के अवतार से,
श्यामधणी का आया बुलावा,
खाटू के दरबार से।
मेरा प्यारा सांवरिया,
सेठों का सेठ कहलाया है,
इसकी मोरछड़ी का जादू,
पूरे जगत में छाया है,
विक्की शर्मा करे बड़ाई,
कहता है बड़े प्यार से,
श्यामधणी का आया बुलावा,
खाटू के दरबार से।
क्या लेना मुझे दिल्ली मुंबई,
गोवा के बाजार से,
जब श्यामधणी का आया बुलावा,
खाटू के दरबार से।
Shyam Dhani Ka Aaya Bulawa | श्याम धणी का आया बुलावा खाटू के दरबार से | Shyam Bhajan | Vikas Sharma