श्रीनन्दनन्दन स्तोत्र लिरिक्स Shrinandan Stotra Lyrics
श्री मुनिरुवाच,
बालं नवीनशतपत्रविशालनेत्रं,
बिम्बाधरं सजलमेघरुचिं मनोज्ञम्,
मन्दस्मितं मधुरसुन्दरमन्दयानं,
श्रीनन्दनन्दमहं मनसां नमामि।
मञ्जीरनूपुररणन्नवरत्नकाञ्जी
श्रीहारकेसरिनखप्रतयन्त्नसंघम्,
दृष्टयार्तिहारिमषिबिन्दुविराजमानं वन्दे,
बालं नवीनशतपत्रविशालनेत्रं,
बिम्बाधरं सजलमेघरुचिं मनोज्ञम्,
मन्दस्मितं मधुरसुन्दरमन्दयानं,
श्रीनन्दनन्दमहं मनसां नमामि।
मञ्जीरनूपुररणन्नवरत्नकाञ्जी
श्रीहारकेसरिनखप्रतयन्त्नसंघम्,
दृष्टयार्तिहारिमषिबिन्दुविराजमानं वन्दे,
कलिन्दतनुजातटबालकेलिम्।
पुर्णेन्दुसुन्दरमुखोपरि कुञ्चिताग्रा:,
केशा नवीनघननीलनिभा: स्फरन्त:,
राजन्त आनतशिर: कुमुदस्य यस्य,
नन्दामत्मजाय सबलाय नमो नमस्ते।
श्रीनन्दनन्दस्तोत्रं प्रातरुत्थाय य: पठेत्,
तत्रेत्रगोचरं याति सानन्दं नन्दनन्दन:।
पुर्णेन्दुसुन्दरमुखोपरि कुञ्चिताग्रा:,
केशा नवीनघननीलनिभा: स्फरन्त:,
राजन्त आनतशिर: कुमुदस्य यस्य,
नन्दामत्मजाय सबलाय नमो नमस्ते।
श्रीनन्दनन्दस्तोत्रं प्रातरुत्थाय य: पठेत्,
तत्रेत्रगोचरं याति सानन्दं नन्दनन्दन:।
।। श्री नंदनन्दन स्तोत्रं ।। श्री राजेन्द्रदास जी महाराज ।। वृंदावन ।।
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