मेरी झोली छोटी पड़ गयी लिरिक्स Meri Jholi Chhoti Pad Gayi Lyrics
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता,
मेरी बिगड़ी मां ने बनायी,
सोयी तकदीर जगाई,
ये बात ना सुनी सुनाई,
मैं खुद बीती बतलाता रे,
इतना दिया मेरी माता
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।
मान मिला सम्मान मिला,
गुणवान मुझे संतान मिली,
धन धान मिला नित ध्यान मिला,
मां से ही मुझे पहचान मिली,
घरबार दिया मुझे मां ने,
बेशुमार दिया मुझे मां ने,
हर बार दिया मुझे मां ने,
जब जब मैं मांगने जाता,
मुझे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।
मेरा रोग कटा मेरा कष्ट मिटा,
हर संकट मां ने दूर किया,
भूले से जो कभी गुरुर किया,
मेरे अभिमान को चूर किया,
मेरे अंग संग हुई सहाई,
भटके को राह दिखाई,
क्या लीला मां ने रचाई,
मैं कुछ भी समझ ना पाता,
इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।
उपकार करे भव पार करे,
सपने सब के साकार करे,
ना देर करे मां मेहर करे,
भक्तों के सदा भंडार भरे,
महिमा निराली मां की,
दुनिया है सवाली मां की,
जो लगन लगा ले मां की,
मुश्किल में नहीं घबराता रे,
मुझे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।
कर कोई यतन ऐ चंचल मन,
तू हो के मगन चल मां के भवन,
पा जाये नैयन पावन दर्शन,
हो जाये सफल फिर ये जीवन,
तू थाम ले मां का दामन,
ना चिंता रहे ना उलझन,
दिन रात मनन कर,
सुमिरन जा कर मां कहलाता,
मुझे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे इतना दिया मेरी माता || LYRICS || LYRICAL STORE||
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