वृन्दावन जाऊंगी सखी लिरिक्स Vrindavan Jaungi Sakhi Lyrics
वृन्दावन जाऊंगी सखी,
वृन्दावन जाऊंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी,
बाजे मुरली यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी,
वृन्दावन जाऊंगी,
नहीं फिर लौट के आऊंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी।
छोड़ दिया मैंने भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी।
इस दुनिया के रिश्ते नाते,
सब ही तोड़ दिये,
तुझे कैसे दिखाऊं दिल चीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी।
नैन लड़े गिरधर से मैं तो,
बावरी हो गई,
दुनिया से भयो अखिर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी।
वृन्दावन जाऊंगी सखी,
वृन्दावन जाऊंगी,
बाजे मुरली यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊंगी | Vrindavan Jaungi | Krishna Bhajan 2024 | राधा कृष्णा भजन 2024
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