आवो आवो पारसनाथ,
पार्श्वनाथ विनती करुं,
और धरू चरणों में शीश,
हरो पीर मन की प्रभु,
मुझे दो मंगल आशीष।
आवो आवो पारसनाथ,
थारी करा मनुहार,
दादा मनड़ा में,
लागी घणी आस जी,
म्हारे आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी,
दादा आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी।
थारी मूर्ति मनोहर ,
ऊपर हीरा जड़ियों हार,
दादा गला मा नवलखहार जी,
म्हारे आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी,
दादा आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी।
थारी आंगी लालम लाल,
उन पर फूलों की बहार,
दादा मुखड़ों है,
पुनम केरों चांद जी,
म्हारे आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी
दादा आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी।
नाग अग्नि से बचाया,
योगी कमठ को हराया,
सारी दुनिया में जय जयकर जी,
म्हारे आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी
दादा आंगनिये,
पधारो पारसनाथ जी।
Aao Aao Parasnath |पार्श्वनाथ भगवान का पौराणिक भजन| रोज एक बार जरूर सुने |Latest Bhajan Vaibhav Soni