अवधपुरी में मंगल बाजे लिरिक्स
अवधपुरी में मंगल बाजे लिरिक्स Avadhpuri Me Mangal Baje
अवधपुरी में मंगल बाजे,
शोभा है सुख धाम की,
अनगिन दीप जले हैं झिलमिल,
जय बोलो सीताराम की,
सरयू में जल कलकल करता,
पशु पंछी गायें हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
उमड़े मन में भाव के बादल,
नयनों से छलके नीर,
वैभव फीका पड़ा स्वर्ग का,
बदली है तकदीर,
श्रद्धा की देहरी पर हमने,
पुष्प सजायें हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
देहरी देहरी आंगन आंगन,
दीप रंगोली है
धन धान्य पकवान बने हैं,
मीठी बोली है,
सुर नर मुनि आनंद मगन,
सब दुख बिसराये हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
बरसों बरसों की प्यास बुझी है,
सजा राम दरबार,
जगमग जगमग हुई अयोध्या,
खोल हृदय के द्वार,
पूरा भारत हाथ जोड़कर,
शीश झुकाये है,
देखो राम आयें हैं
मेरे राम आयें हैं।
निर्वासित थे रामलला पर,
मिटी ना मन की आस,
सदियों तक संघर्ष हुआ,
तब खत्म हुआ वनवास,
अपने घर पहुंचे रघुनन्दन,
ध्वज लहराये हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
शोभा है सुख धाम की,
अनगिन दीप जले हैं झिलमिल,
जय बोलो सीताराम की,
सरयू में जल कलकल करता,
पशु पंछी गायें हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
उमड़े मन में भाव के बादल,
नयनों से छलके नीर,
वैभव फीका पड़ा स्वर्ग का,
बदली है तकदीर,
श्रद्धा की देहरी पर हमने,
पुष्प सजायें हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
देहरी देहरी आंगन आंगन,
दीप रंगोली है
धन धान्य पकवान बने हैं,
मीठी बोली है,
सुर नर मुनि आनंद मगन,
सब दुख बिसराये हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
बरसों बरसों की प्यास बुझी है,
सजा राम दरबार,
जगमग जगमग हुई अयोध्या,
खोल हृदय के द्वार,
पूरा भारत हाथ जोड़कर,
शीश झुकाये है,
देखो राम आयें हैं
मेरे राम आयें हैं।
निर्वासित थे रामलला पर,
मिटी ना मन की आस,
सदियों तक संघर्ष हुआ,
तब खत्म हुआ वनवास,
अपने घर पहुंचे रघुनन्दन,
ध्वज लहराये हैं,
देखो राम आयें हैं,
मेरे राम आयें हैं।
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