बड़े नाज़ों से है पाला हमारा ललना
बड़े नाज़ों से है पाला हमारा ललना
बड़े नाज़ों से बड़े नाज़ों से,
बड़े नाज़ों से है पाला हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके बाबा/नाना से पूछो,
दादी/नानी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके ताऊ/मामा से पूछो,
ताई/मामी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आँखो का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके चाचा/भैया से पूछो,
चाची/भाभी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके फूफा/जीजा से पूछो,
बुआ/दीदी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
बड़े नाज़ों से बड़े नाज़ों से,
बड़े नाज़ों से है पाला हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना,
हमारा ललना हमारा ललना हमारा ललना।
बड़े नाज़ों से है पाला हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके बाबा/नाना से पूछो,
दादी/नानी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके ताऊ/मामा से पूछो,
ताई/मामी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आँखो का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके चाचा/भैया से पूछो,
चाची/भाभी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
हमरी ना मानो उसके फूफा/जीजा से पूछो,
बुआ/दीदी ने गोद खिलाया हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना।
बड़े नाज़ों से बड़े नाज़ों से,
बड़े नाज़ों से है पाला हमारा ललना,
बुआ की आंखों का तारा हमारा ललना,
हमारा ललना हमारा ललना हमारा ललना।
jaccha baccha geet || सोहर गीत || bua ki aankho ka bua bua bua || with lyrics || dholak geet
लाड़ और दुलार है, जो न केवल माता-पिता, बल्कि नाना-नानी, दादी-दादा, ताऊ-ताई, मामा-मामी, चाचा-चाची और फूफा-बुआ जैसे सभी रिश्तों से मिलकर एक बच्चे को अनमोल रत्न की तरह संवारा जाता है। यह स्नेहपूर्ण वातावरण, जहां हर रिश्ता बच्चे को अपनी आंखों का तारा मानता है, एक ऐसी नींव बनाता है, जो उसे जीवन भर प्रेम, सुरक्षा और आत्मविश्वास से भर देता है। इस प्यार की छांव में बच्चा न केवल पलता है, बल्कि परिवार की संस्कृति, मूल्यों और परंपराओं का वाहक बनता है, जो उसे समाज में एक सशक्त और स्नेहमय व्यक्तित्व प्रदान करता है।
विशेष रूप से बुआ का यह स्नेह, जो गीत में बार-बार उभरता है, उस अनूठे रिश्ते की गहराई को दर्शाता है, जहां बुआ अपने ललना को न केवल प्यार देती है, बल्कि उसे अपने हृदय का सबसे कीमती हिस्सा मानती है। परिवार के अन्य सदस्यों की तरह, बुआ की गोद भी बच्चे के लिए एक सुरक्षित आश्रय है, जहां वह बिना किसी भय के खिलखिलाता है। यह गीत उस सामूहिक प्रेम और देखभाल को रेखांकित करता है, जो भारतीय परिवारों की विशेषता है, जहां हर रिश्ता मिलकर एक बच्चे को नाजों से पालता है।
विशेष रूप से बुआ का यह स्नेह, जो गीत में बार-बार उभरता है, उस अनूठे रिश्ते की गहराई को दर्शाता है, जहां बुआ अपने ललना को न केवल प्यार देती है, बल्कि उसे अपने हृदय का सबसे कीमती हिस्सा मानती है। परिवार के अन्य सदस्यों की तरह, बुआ की गोद भी बच्चे के लिए एक सुरक्षित आश्रय है, जहां वह बिना किसी भय के खिलखिलाता है। यह गीत उस सामूहिक प्रेम और देखभाल को रेखांकित करता है, जो भारतीय परिवारों की विशेषता है, जहां हर रिश्ता मिलकर एक बच्चे को नाजों से पालता है।
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