एकला मत छोड़ जे बंजारा भजन लिरिक्स
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,खोटा हो जाना रे।
दूर देश का है मामला ,खोटा हो जाना रे।
अपना सायब जी ने,बंगला बनाया रे।
बंगला बनाया बंजारा ।
ऊपर रखियो झरोखा,जामे झांक्या करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,खोटा हो जाना रे।
अपना सायब जी ने,बाग लगाया।
बाग लगाया बंजारा रे।
फूला भरी है छाबड़ी,पाया करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,खोटा हो जाना रे।
अपना सायब जी ने,कुआँ खुदाया।
कुआँ खुदाया बंजारा रे।
गहरा भरया नीर वा,नहाया करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,खोटा हो जाना रे।
कहे कबीर धर्मदास से,बंजारा रे बंजारा।
सत अमरापुर पावीया,सौदा करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,खोटा हो जाना रे।
एकलो मत छोड़जे बंजारा रे Ekla Mat Chodjo Banjara Re Naresh Prajapat | परदेसी का है मामला |BANJARA RE