जय दादी सती माता आंवल की महाराणी आरती

जय दादी सती माता आंवल की महाराणी आरती

जय दादी सती माता,
जय दादी सती माता,
आंवल की महाराणी,
सब सुख की दाता।

ज्योत अखंडित तेरी,
दिव्य प्रकाश करे,
रोग शोक भय विपदा,
पल में नाश करे।

लाल चुनड़ियां सोहे,
मेहंदी हाथ रचे,
चूड़ो बोरलो नथली,
छत्र भेंट चढ़े।

भादी अमावस तेरे दर पे,
मेला जोर भरे
दादी सती सलौना,
सबकी आस पुरे।

नारियल खीर चूरमा,
पुड़ा भोग चढ़े,
सेवक जन मैया की,
जय जयकार करे।

गर्ग गोत्र की मैया,
तू उद्धार करी,
गावलिए कहलाए,
तुमने कृपा करी।

भाव भक्ति श्रद्धा से,
जो तेरे दर आता,
भाग्य उदय हो जाता,
मनवांछित फल पाता।

तेज त्रिशूल में ऐसा,
ज्यों सूरज चमके,
अटल सिंहासन बैठी,
महाराणी सज के।

सिंह सवारिणी मैया,
भक्तों के घर आती,
भूल-चूक भक्तों की,
अंबरीष बिसराती।

जय दादी सती माता,
जय दादी सती माता,
आंवल की महाराणी,
सब सुख की दाता।


श्री दादी सती आरती, आँवल धाम, जिला रोहतक, हरियाणा _ सती सलोना, गर्ग गोत्र गावलिए दादी सती

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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