हम राम दिवाने रघुनंदन पे जान लुटाते है
हम राम दिवाने रघुनंदन पे,
जान लुटाते हैं,
वो मर्यादा पुरुषोत्तम,
उनको शीष नवाते हैं,
उनके करूणा की धारा में,
हम बहते जातें हैं,
मन निर्मल हो जाता है,
जब वो मन में आते हैं।
कहते हैं तुलसी वाल्मीकि,
सियाराम का युग आया है,
मिट गई सारी देश की दुविधा,
भगवा लहराया है,
राम काज करने वालों को,
राम बचाते है,
वो मर्यादा पुरुषोत्तम,
उनको शीष नवाते हैं।
अब न रहे कोई भूखा नंगा,
सरयू का तट बोले,
ऋषि मुनि योगी जन देखो,
दुनिया के पट खोलें,
बजरंगी कहें राम नाम से,
दुख मिट जाते हैं,
वो मर्यादा पुरुषोत्तम,
उनको शीष नवाते हैं।
देश सनातन भारत अपना,
विश्व गुरु है लागे,
सारी दुनिया है शरणागत,
रघुनंदन के आगे,
संयोग कहें जब राम साथ तो,
क्युं घबराते हैं,
वो मर्यादा पुरुषोत्तम,
उनको शीष नवाते हैं।
प्रभु श्री राम के दीवाने - Rohit Tiwari Baba - Hum Ram Deewane Raghunandan Ke - Shree Ram Bhajan
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